एक विरोध प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश की हापुड पुलिस द्वारा वकीलों पर किए गए लाठीचार्ज के खिलाफ हड़ताल पर गए वकील काम पर लौट आए है। यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने इसकी जानकारी दी हैं।
यह निर्णय यूपी बार काउंसिल और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के बीच हुई सार्थक बैठक के बाद आया है और दोनों पक्ष कई मुद्दों पर सहमत हुए हैं।
पुलिस और वकीलों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब 29 अगस्त को हापुड़ बार एसोसिएशन के पदाधिकारी और सदस्य एक महिला वकील और उसके पिता के खिलाफ दायर कथित ‘मनगढ़ंत’ मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और पुलिस ने वकीलों के खिलाफ लाठीचार्ज किया।
यूपी बार काउंसिल और राज्य सरकार के बीच हुई बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में आगे बात करते हुए यूपी बार काउंसिल के उपाध्यक्ष प्रशांत शर्मा अटल ने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में वकील (हापुड़ घटना के खिलाफ) हड़ताल पर थे। आज इसी सिलसिले में एक बैठक हुई।यह एक सार्थक बैठक रही।बैठक में यूपी बार काउंसिल और सरकार के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनी.”
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एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पर एक कमेटी बनाई जाएगी। अटल ने आगे कहा, एसआईटी रिपोर्ट के अनुसार (हापुड़ घटना के लिए) जिम्मेदार सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और इसके साथ ही यूपी के वकील काम पर लौट आए है।
इस बीच, एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि घटना की जांच के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा गठित एक न्यायिक समिति 16 सितंबर को बैठक करेगी।
बयान के अनुसार, न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता को हापुड में हुई घटना के संबंध में बार में उठाई गई शिकायतों पर गौर करने के लिए गठित समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।