राजस्थान की एक अदालत ने 37 वर्षीय एक व्यक्ति को पत्नी की हत्या करने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह घटना 2015 की है। प्रोजिक्यूशन के मुताबिक पति ने पत्नि की हत्या कर शव को जला दिया और उसके अवशेष जंगल में फेंक दिए। इस अपराध में उसका साथ देने वाले यानी सह-साजिशकर्ता को भी सात साल की जेल की सजा सुनाई।
अतिरिक्त सरकारी वकील नरेंद्र मालव के अनुसार, अदालत ने 37 वर्षीय दोषी पर 1 लाख रुपये और सह-साजिशकर्ता टीकमचंद पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
सरकारी वकील नरेंद्र मालव ने बताया कि कोर्ट ने गौरव जेठी को अपनी पत्नी वैशाली जेठी को मौत के घाट उतारने के लिए दोषी ठहराते हुए उसे अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई।
अतिरिक्त लोक अभियोजक ने कहा कि गौरव जेठी ने जनवरी 2015 में वैशाली से शादी की थी। मालव ने कहा कि 21 जुलाई को विवाद के बाद उसने अपनी पत्नी की हत्या कर दी और अगले दिन उसके दोस्त ने शव को जंगल में ले जाकर जला दिया।