केरल की एक अदालत ने बहशी दरिंदे को दो साल पहले अपनी नाबालिग चचेरी बहन के साथ बार-बार दुष्कर्म करने और उसे गर्भवती करने के जुर्म में कुल 135 साल कैद की सजा सुनाई।
सरकारी वकील रघु के. ने कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश साजी कुमार ने 24 साल के आरोपी को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के तहत अलग-अलग कुल 135 साल की सजा सुनाई।
अभियोजक ने कहा कि आरोपी को सजा साथ-साथ काटनी होगी और उनमें से अधिकतम 20 साल थी,इसलिए दोषी को 20 साल जेल की सजा काटनी होगी। अभियोजक ने कहा कि अदालत ने दोषी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़िता को चार लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया, जो घटना के समय 15 साल की थी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, दोषी पीड़िता के पिता के बड़े भाई का बेटा था और वह उसे अपने स्कूल ले जाता था और घर वापस उसकी नानी के पास लाता था। अभियोजक ने कहा कि इस निकटता का उपयोग करते हुए और नहाते समय पीड़िता का वीडियो रिकॉर्ड करके, उसने उसके साथ अंतरंग संबंध स्थापित किए और उसे गर्भवती कर दिया। वकील ने कहा कि पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया है जो बाल कल्याण समिति की देखरेख में है।