दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आबकारी नीति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में व्यवसायी अरुण पिल्लई द्वारा दायर अंतरिम जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा है।
अरुण पिल्लई ने अपनी पत्नी के मेडिकल आधार का हवाला देते हुए आठ सप्ताह की जमानत की गुहार लगाई है।
विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने
पिल्लई की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई 1 दिसंबर को तय की है। व्यवसायी अरुण रामचन्द्र पिल्लई की ओर से अधिवक्ता नितेश राणा उपस्थित हुए थे।
इससे पहले अगस्त महीने में कोर्ट ने पिल्लई को मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। विशेष न्यायाधीश ने तब कहा कि आरोपी अरुण रामचंद्रन पिल्लई की ओर से चिकित्सा आधार पर अपनी अंतरिम जमानत की मांग करते हुए दायर एक आवेदन को किसी भी योग्यता से रहित माना जाता है और इसे खारिज कर दिया जा रहा है।
अदालत ने पाया कि उसकी मेडिकल रिपोर्ट से पता चलता है कि आवेदक की उचित देखभाल की जा रही है और जेल में उसकी कथित पीठ या रीढ़ की हड्डी से संबंधित दर्द या समस्याओं के लिए न केवल हड्डी रोग के क्षेत्र में आने वाले विशेषज्ञों द्वारा बल्कि पर्याप्त उपचार भी प्रदान किया जा रहा है।
हैदराबाद स्थित व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले के सिलसिले में मार्च 2023 में ईडी ने गिरफ्तार किया था। अरुण रामचंद्र पिल्लई को ईडी ने इस आरोप में गिरफ्तार किया था कि उन्होंने एक अन्य आरोपी, लिंडोस्पिरिट के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू से रिश्वत ली और इसे अन्य आरोपियों को सौंप दिया था।
हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अरुण रामचंद्रन पिल्लई और दिल्ली स्थित व्यवसायी अमनदीप ढल के खिलाफ कथित शराब घोटाला मामले में एक पूरक शिकायत दर्ज की है।
आरोप पत्र में कहा गया है कि अरुण पिल्लई ने जांच के दौरान पीएमएलए, 2002 की धारा 50 के तहत गलत बयान दिए थे।