मुंबई की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल के बेटे पंकज और भतीजे समीर भुजबल की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें धन शोधन मामले में उनके खिलाफ निर्धारित अपराध की वजह से कार्यवाही बंद करने की मांग की गई थी।
विशेष अदालत के न्यायाधीश आरएन रोकाडे ने उनकी याचिका खारिज करते हुए कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में कार्यवाही को रद्द करने के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
पंकज, समीर और 51 अन्य पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 2016 में कथित महाराष्ट्र सदन घोटाले सहित विभिन्न मामलों के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए थे।
पंकज और समीर भुजबल ने याचिका दायर करते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के आलोक में, यदि कोई अनुसूचित अपराध नहीं है तो पीएमएलए के तहत कोई मामला जारी नहीं रह सकता है। इसका हवाला देते हुए उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपने खिलाफ कार्यवाही खत्म करने की गुहार लगाई।
पीएमएलए प्रावधानों के अनुसार, प्रक्रिया या गतिविधि से जुड़े किसी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए ईडी के लिए एक पूर्व प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) (अनुसूचित अपराध) एक आवश्यक है।