मुंबई की विशेष अदालत ने गुरुवार को जिम्बाब्वे की उस महिला को 10 साल की सजा सुनाई है, जो 2 साल पहले मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ड्रग्स के साथ पकड़ी गई थी।
विशेष न्यायाधीश एवी खारकर ने 40 वर्षीय महिला को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत दोषी पाया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर इंटेलिजेंस यूनिट (एआईयू) ने 13 फरवरी, 2022 को शहर में आगमन पर रोज़ी डेमन को रोक लिया।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि तलाशी में 7,006 ग्राम हेरोइन और 1,480 ग्राम सफेद क्रिस्टल कण बरामद हुए, जो हेरोइन और मेथमफेटामाइन का एक संयोजन है।
महिला ने बेहद गरीबी का हवाला देते हुए अपनी बेगुनाही का दावा किया, उसने कहा कि उसका चचेरा भाई जिम्बाब्वे गिरोह का हिस्सा था और उसने उसे पैसे का लालच दिया था। महिला ने अदालत को बताया कि उसके चचेरे भाई ने उसे एक बैग दिया और कहा कि इसमें चिकित्सा उपकरण हैं और उसे इसे भारत ले जाने के लिए कहा।
सबूतों का हवाला देते हुए अदालत ने कहा, इससे पता चलता है कि महिला के पास प्रतिबंधित मेथामफेटामाइन और हेरोइन की व्यावसायिक मात्रा पाई गई थी।
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाह द्वारा पेश किए गए सबूत “भरोसेमंद और विश्वसनीय” हैं, जिससे महिला को दोषी ठहराया गया और उसे 10 साल की कैद की सजा सुनाई गई।