देश में संभवतः यह पहली बार हुआ है कि चूहे को मारने पर अदालत आरोपत्र दाखिल किया गया हो। बदायूं में 25 नवंबर 2022 को चूहा मारने के मामले में पुलिस ने सीजेएम अदालत में 30 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया है। इस आरोप पत्र में पुलिस ने आरोपी मनोज को दोषी माना है। मनोज पर धारा-11 (पशु क्रूरता निवारण अधिनियम) और धारा-429 लगाई है। दअरसल यह धारा जानवर की हत्या या अपाहिज करने में लगाई जाती है।
अगर मनोज दोषी पाया जाता है तो उसे 5 साल की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
पिछले साल 25 नवंबर को बदायूं के गांधी ग्राउंड चौराहे के पास रहने वाले मनोज ने चूहे की पूंछ में पत्थर बांधकर नाले में डुबो दिया था। वहां से गुजर रहे पशु प्रेमी विकेंद्र ने मनोज की इस हरकत का विरोध किया और इस हरकत का वीडियो भी बनाया। विकेंद्र के मना करने के बावजूद मनोज नहीं माना और चूहा मर गया।
इसके बाद विकेंद्र ने चूहे की डेडबॉडी को नाले से निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए पुलिस की मदद से बरेली भिजवाया था। इतना ही नही पोस्टमॉर्टम का खर्च भी विकेंद्र ने उठाया था। विकेंद्र ने चूहे के शव को करीब 50 किलोमीटर दूर बदायूं से बरेली भेजने के लिए एसी कार का किराया 1500 रुपए दिया था। एसी कार इसलिए ताकि बॉडी डीकम्पोज्ड न हो। पोस्टमॉर्टम के लिए 225 रुपए की रसीद भी कटवाई थी। बरेली आइवीआईआर में डॉ. अशोक कुमार और डॉ. पवन कुमार ने चूहे के शव का पोस्टमॉर्टम भी किया था। पोस्टमार्टम में मरने की वजह दम घुटने से बताई गई है। विकेंद्र ने चूहे की हत्या का आरोप मनोज पर लगाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और अब जांच के बाद अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है।