दिल्ली की साकेत अदालत ने एक जबरन वसूली मामले में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और तीन अन्य आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र संज्ञान लिया है। इस मामले में लॉरेंस बिश्नोई को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने 31 मई को गिरफ्तार किया था। मामला शुरू में सनलाइट कॉलोनी पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। बाद में मामला दिल्ली पुलिस अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया गया।
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) शिवानी चौहान ने मामले को आरोप के बिंदु पर विचार और सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। अदालत ने कहा था, “प्रथम दृष्टया यह दिखाने के लिए पर्याप्त सामग्री रिकॉर्ड है कि आरोपी लॉरेंस बिश्नोई, संपत नेहरा, आशीष और हरेन ने आईपीसी की धारा 386/387 आर/डब्ल्यू 120 बी आईपीसी के तहत दंडनीय अपराध किया था।
अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 31 अगस्त को सूचीबद्ध किया है।
यह मामला दक्षिण पूर्वी दिल्ली के सनलाइट कॉलोनी इलाके में एक वकील को फायरिंग और रंगदारी के लिए कॉल का है। यह मामला 24 अप्रैल को वकील रमनदीप सिंह की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था।
शिकायतकर्ता रमनदीप सिंह ने आरोप लगाया है कि 23-24 मार्च की रात को उन्हें एक अज्ञात अंतरराष्ट्रीय नंबर से कॉल आई। फोन करने वाले ने उससे एक करोड़ रुपये की मांग की थी। कुछ समय बाद उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से कई कॉल आईं और उनके परिवार को धमकियां दी गईं। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने लॉरेंस बिश्नोई से हिरासत में लंबी पूछताछ की थी।
अक्षय ने वर्तमान मामले में पीड़ित को धमकाने के लिए कथित तौर पर हथियार और गोला-बारूद उपलब्ध कराया था।
दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा था कि वह आरोपी कपिल उर्फ नंदू के बारे में जानकारी जुटाना चाहती है और कैसे आरोपी लॉरेंस बिश्नोई जेल में होने के बावजूद आरोपी अक्षय को निर्देश देने में सक्षम था।