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कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण खत्म करने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली, 25 अप्रैल को मामला किया गया सूचिबद्ध

Karnataka Muslim Reservation

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को कर्नाटक सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई टल गई है, जिसमें श्रेणी 2 बी के तहत मुसलमानों को प्रदान किए गए लगभग तीन दशक पुराने 4% ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया गया था। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच अगले मंगलवार को मामले की सुनवाई करेगा।

कर्नाटक सरकार ने 4% आरक्षण को समाप्त कर दिया और इसे वीरशैव-लिंगायतों और वोक्कालिगाओं के बीच समान रूप से 2% पर वितरित कर दिया। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने वोक्कालिगा और लिंगायत समूहों की ओर से तर्क दिया कि मुद्दा केवल आरक्षण को रद्द करने का नहीं है बल्कि एक अलग समुदाय को आरक्षण आवंटित करने का भी है। उन्होंने दावा किया कि जीओ पर अंतरिम रोक लगाने से लिंगायतों और वोक्कालिगाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

पिछली सुनवाई में अदालत ने कहा था कि राज्य में मुस्लिम लंबे समय से इस आरक्षण का लाभ उठा रहे थे और कोटा खत्म करने का आदेश प्रथम दृष्टया गलत धारणाओं पर आधारित था। राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा था कि आपके फैसले की बुनियाद ‘त्रुटिपूर्ण और अस्थिर’ लगती है।

दरसअल बेल्लारी के रहने वाले एक मुस्लिम व्यक्ति के राज्य सरकार के मुस्लिम कोटा खत्म करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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