देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से व्यापारियों को सीलिंग की कार्रवाई शुरू होने का डर सताने लगा है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी कमिटी ने एक बार फिर से दिल्ली में सीलिंग कार्रवाई शुरू करने की अनुमति मांगी है।
अगर सुप्रीम कोर्ट अनुमति देता है तो दिल्ली में एक बार फिर से सीलिंग की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। इसको लेकर अब व्यापारिक संगठन विरोध में उतर गए हैं। दिल्ली के रिहायशी इलाकों में चलने वाली हजारों फैक्ट्रियों पर कुछ साल पहले ही सीलिंग की गाज गिरी थी।
दिल्ली के अलग-अलग व्यापारिक संगठनों का कहना है कि पहले हमलोगों को यह बताया जाए कि एमसीडी और अन्य निकायों ने बाजार से कितना राजस्व वसूली किया है और कितना बाजार पर खर्च किया है?
रिपोर्ट में जिन संपत्ति को उनके निर्देश पर बीते कुछ वर्षो में सील किया गया है, उनकी मौके पर जांच करने की मंजूरी देने की मांग की है। इसके साथ ही आवासीय और व्यावसायिक इलाकों में नए अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति देने की मांग की है।
सीटीआई ने कहा है कि दोबारा से कमेटी को कार्रवाई करने की अनुमति दी जाती है तो इससे दिल्ली के व्यापारियों को बड़ा नुकसान पहुंचेगा।दिल्ली में व्यापारियों के कई एसोसिएशनों का मानना है कि सिस्टम में बैठे लोगों का ध्यान सिर्फ सीलिंग करने और व्यापारियों को नोटिस थमाने पर है। इससे पहले उसको यह बताना चाहिए कि किस बाजार से कितना कर वसूला गया और कितनी राशि बाजार पर खर्च की गई।
गौरतलब है कि पिछले दिनों ही एमसीडी ने सीलिंग को लकर नई नीति बनाने का ऐलान किया था। एमसीडी की बैठक में व्यापारियों से कन्वर्जन शुल्क न लेने और उन्हें सीलिंग नोटिस न भेजने का प्रस्ताव भी पास किया गया था। साथ ही सील हुई दुकानों की डी-सीलिंग कराने का भी प्रस्ताव पारित किया गया था।