श्रद्धा वाकर हत्याकाण्ड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे आफताब अमीन की दरिंदगे सबूत सामने आते जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस को श्रद्धा वाकर की हड्डियों की पोस्ट मार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि आफताब ने श्रद्धा की हड्डियों को आरी से काटा था। दिल्ली पुलिस ने श्रद्धा की 23 हड्डियों का पोस्टमार्टम एम्स में करवाया था। चिकित्सकीय एनालिसिस से मालूम हुआ कि श्रद्धा की सभी हड्डियों को एक ही आरी से काटा गया था।
इंवेस्टिगेशन रिपोर्ट से मालूम होता है कि आफताब के मंसूबे कुछ और ही थे। श्रद्धा से इश्क-मुहब्बत तो एक बहाना भर था। श्रद्धा ने इस बात का अंदेशा अपने एक लेटर और पुलिस को दी गई शिकायत में भी किया था। इसके बावजूद श्रद्धा, आफताब के साथ रहने के लिए दिल्ली क्यों आ गई – इस सवाल का जवाब नहीं मिल पा रहा है। श्रद्धा मर्डर केस की इंवेस्टिगेशन रिपोर्ट में अब तक जितनी भी बातें सामने आई हैं उनसे तो यही लगता है कि आफताब श्रद्धा का भरपूर इस्तेमाल किया और फिर उसे रास्ते से हटाने के लिए फूल प्रूफ प्लान बनाया। पहले उसकी हत्या इस तरह से की गई कि किसी को कानों-कान भनक नहीं लगी। फिर उसके शरीर के टुकड़े किए। शरीर के टुकड़ों से दुर्गंध न आ आए इसके लिए बड़ा रेफ्रिजरेटर खरीदा। ऐसे कैमिकल खरीदे जिससे खून के दाग साफ किए जा सकें और दुर्गंध को खत्म किया जा सके।
गिरफ्तार किए जाने के बाद आफताब ने कई चालें चलीं, अपने बचने के तरीके भी इस्तेमाल किए। लेकिन जब उसकी सारी थ्योरी फेल हो गई तो उसने कबूल कर ही लिया। तिहाड़ जेल में बंद आफताब की ड्रामेबाजियां अब भी जारी हैं। कभी वो पढ़ने के लिए कानून की किताबें मांगता है तो कभी गर्म कपड़े मांगता है। इस बीच 10 जनवरी को दिल्ली की साकते कोर्ट ने श्रद्दा मर्डर मामले में आरोपी आफताब पूनावाला की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी है। हालांकि कोर्ट ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आफताब को गर्म कपड़े मुहैया कराए जाएं। ।
18 मई को श्रद्धा वाकर का गला घोंटने के बाद, आफताब ने उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए और यहां तक कि उन्हें कई दिनों तक शहर भर में फेंकने से पहले अपने किराए के घर में लगभग तीन सप्ताह तक फ्रिज में रखा। उस दौरान आफताब की इतना असंवेदनशील हो गया कि जो लड़की उसकी मुहब्बत के लिए अपना घर-परिवार मां-बाप सब कुछ छोड़ आई, उसी लड़की को उसने बेरहमी से मार दिया। उसका चेहरा क्षत-विक्षत कर दिया, और शरीर को 35 छोटे-छोटे हिस्सों में काट दिया। आफताब ने प्लान तो ऐसा बनाया था कि वो जिंदगी भर पकड़ा ही नहीं जाता। क्यों कि उसने श्रद्धा के शरीर के टुकड़ों को दिल्ली और गुड़गांव के जंगलों में ऐसी जगह फेंके थे जहां से उनका मिलना लगभग न मुमकिन था।
लोगों का मानना है कि श्रद्धा की आत्मा ही आफताब को सजा दिलाना चाहती थी, श्रद्धा की आत्मा ही शायद बाकी लड़कियों को सबक देना चाहती थी कि आफताब जैसे फरेबियों के इश्क के जाल में न फंसें। इसलिए उसके शरीर के अधिकांश हिस्से पुलिस को मिल गए। फोरेंसिक रिपोर्ट ने उनका मिलान भी कर दिया।
कानून के विशेषज्ञों के मुताबिक श्रद्धा की हत्या ‘रेअर ऑफ रेअरेस्ट’ केसेस की श्रेणी में आता है, जिसका मतलब यह कि आफताब को फांसी की सजा मिलना तय है। अब यह बात अलग कि आफताब के वकील प्रोजिक्यूशन से कितने दिनों तक भिड़ सकते हैं।