दिल्ली के महरोली में श्रद्धा हत्याकाण्ड की सुनवाई में नया पेंच सामने आ रहा है। हत्या आरोपी आफताब पूनावाला के वकील एमएस खान ने कहा कि उसके मुवक्किल से पूछे बिना ही एलएसी (लीगल एड काउंसेल) नियुक्त कर दिया गया है।
एमएस खान ने कहा है कि आफताब का अधिकृत वकील मैं ही हूँ, अगर इस केस की सुनवाई के लिए कोई एलएसी नियुक्त किया जाता है तो अपना वकालत नामा वापस ले लेंगे। एमएस खान ने यह धमाका उस वक्त किया है जब साकेत कोर्ट आरोपों पर बहस के लिए 7 मार्च की तारीख मुकर्रर कर चुकी है।
दरअसल, 17 दिसंबर 2022 को आफताब की ओर से जमानत अर्जी लगाई गई थी। लेकिन जब कोर्ट ने उस वर्चुअली तलब किया तो वो अपनी जमानत अर्जी से ही पलट गया था। उसने तो यहां तक कह दिया था कि वकील एमएस खान ने उससे पूछा बिना ही जमानत अर्जी लगा दी। जबकि वकील एमएस खान ने कहा था कि आफताब के कहने पर उन्होंने जमानत अर्जी लगाई है और वकालत नामे पर उसके दस्तखत भी हैं।
यहीं से यह विवाद पैदा हुआ। तभी एलएसी को नियुक्त किया गया। कोर्ट ने एडवोकेट ब्रजेश ओबेराय को एलएसी नियुक्त किया था। आफताब पूनावाला वकील एमएस खान ने इससे पहले कभी एलएसी की नियुक्ति का विरोध नहीं किया था।
श्रद्धा हत्याकाण्ड एलएसी की नियुक्ति का विरोध क्या आफताब के वकील की कोई नई चाल है, और अगर एमएस खान अपना वकालत नामा वापस लेते हैं तो इस मामले की सुनवाई पर कोई असर पड़ सकता है, यह तो अब 7 मार्च को ही पता चलेगा।