उत्तराखंड के रामनगर में पोक्सो कोर्ट ने 12 साल की नाबालिग लड़की के रेप करने वाले 17 साल के आरोपी को दोषी ठहराते हुए 20 साल की सजा सुनाई है। पोक्सो कोर्ट के स्पेशल जज नंदन सिंह ने एक नाबालिग को ही पूरे मामले में दोषी मानते हुए सजा सुनाई है।
दरअसल, दिल्ली के निर्भया केस के बाद यौन अपराधों से जुड़े कानूनों में बदलाव आया है। जिसमें इस तरह के जघन्य अपराधों को अंजाम देने वाले नाबालिगों को भी सजा का प्रावधान है।
ताजा मामला उत्तराखण्ड के रामनगर का है। नाबालिग आरोपी ने रेप की घटना को साल 2019 में अंजाम दिया था। तकरीबन 4 साल की लंबी बहस के बाद आखिरकार पोक्सो कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और मुजरिम को 20 साल सजा दी। इस मुकदमे की खास बात यह कि मुकदमे के सभी गवाह यहां तक कि रेप पीड़िता की मां भी कोर्ट में होस्टाइल हो गई, लेकिन सरकारी अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को कोर्ट ने न सिर्फ दोषी माना बल्कि 20 साल की सजा और 15 हजार का जुर्माना भी ठोका।
सरकारी वकील नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक, पूरे मामले में डॉक्टर अनुपमा हयांकी की तरफ से तैयार मेडिकल रिपोर्ट में अपना अहम रोल निभाया। जिसमें साफ-साफ लिखा हुआ था कि 12 साल की नाबालिग लड़की के साथ रेप हुआ है।