दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने एयर इंडिया फ्लाइट में नशे में धुत्त होकर एक महिला सहयात्री पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि शंकर मिश्रा की हरकत अपने आप में बेहद घिनौनी और घृणास्पद है। उसने एक महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाई है। नोटिस मिलने के बाद भी वो जांच में शामिल नहीं हुआ।
मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने शंकर मिश्रा की जमानत याचीका का विरोध किया था। दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा था कि शंकर एक प्रभावशाली व्यक्ति है और केस को प्रभावित कर सकते हैं। जांच अभी शुरुआती चरण में है ऐसे में ये गवाहों से सम्पर्क कर सकते है। दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा कि 6 लोगो से पूछताछ बाकी है इसमें क्रू मेबर और कुछ पैसेंजर है। वही शंकर मिश्रा के वकील ने कहा था कि शंकर ने माफ़ी भी मांगी और अपने अकाउंट से पीड़िता को पैसा भी भेजा जो बाद में वापस किया गया।
दिल्ली पुलिस की ओर से पब्लिक प्रोसिक्यूटर ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली पुलिस ने शंकर मिश्रा की रिमांड से इनकार के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की है और वह कल की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। शिकायतकर्ता के वकील का कहना है कि जब वह व्यक्ति होश में आया तो उसने घटना के लिए माफी मांगी और एयर इंडिया के कर्मचारियों ने मध्यस्थता करने की कोशिश की। इनके प्रभाव मे ही एयर इंडिया ने समय पर एक्शन नहीं लिया।
शिकायतकर्ता के वकील ने कहा कि कोर्ट को यह जांच करनी है कि क्या एक अपराधी को जमानत दी जा सकती है जिसने पहले कहा कि उसने किया, इसके लिए माफी मांगी लेकिन बाद में मुकर गया। वह कह रहा है कि वह नशे में था। नशा कभी बचाव नहीं हो सकता। यह उनका मामला नहीं है कि उन्हें उनकी जानकारी के बिना शराब पिलाई गई। शिकायतकर्ता के वकील ने आगे कहा कि शंकर मिश्रा के प्रभाव के कारण एयर इंडिया ने मामला दर्ज नहीं करने का फैसला किया। सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
दरअसल, पिछले साल 26 नवंबर को एयर इंडिया की फ्लाइट न्यूयॉर्क से दिल्ली पहुंच रही थ। इस दौरान बिजनेस क्लास में सफर कर रहे शंकर मिश्रा ने नशे में धुत्त होकर 70 साल की महिला पर पेशाब कर दिया था।वहीं, महिला द्वारा शिकायत मिलने के बाद शंकर मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 294, 509, 510 तहत मामला दर्ज हुआ है।