
जामिया हिंसा के आरोपी शरजील इमाम को निचली अदालत ने बरी कर दिया है। शरजील और आसिफ इकबाल तन्हा को 2019 के जामिया यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया था। हालांकि उसे इस मामले में जमानत मिल गई है लेकिन यूएपीए के तहत चल रहे मुकदमे के कारण वो जेल से रिहा नहीं हो पाएगा। यूएपीए की कार्रवाई फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों में उसकी भूमिका को देखते हुए की गई थी।
दिल्ली की साकेत कोर्ट जामिया हिंसा मामले में शरजील की जमानत आदेश पढ़ते हुए कहा कि जांच एजेंसियों को चाहिए कि वो दंगाईयों को गिरफ्तार करे न कि सरकार से असहमति रखने वालों को। उन्होंने कहा कि दंगाई और असंतुष्ट दोनों में एक महीन लाइन है। साकेत कोर्ट के एडिशनल सेशन जज अरुल वर्मा ने कहा कि शरजील के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र कमजोर और काल्पनिक तर्कों के आधार पर गढी गई है।
निचली अदालत ने पिछले वर्ष शरजील के खिलाफ परस्पर वैमनस्य फैलाने, राजद्रोह और यूएपीए के तहत अभियोग निर्धारित किए थे। शरजील पर सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के दौरान भड़काऊ भाषण देने का भी आरोप है।