घर-द्वार मां-बाप और उस चाचा को छोड़कर श्रद्धा आफताब के सााथ दिल्ली चली आई थी जिससे वो अपने दिल के सारे राज खोलकर रखती थी। उससे सलाह मश्विरा करती थी। उस दिन वो चाचा को भी कुछ बता कर नहीं आई थी। उसके दीमाग में सिर्फ आफताब था। वही आफताब जिसने श्रद्धा के शरीर के 35 बारीक बारीक टुकड़े किए और हर रात एक टुकड़े को उठाकर महरौली के जंगलों में फैंकता रहता। पुलिस ने सभी साइंटिफिक साक्ष्यों के साथ 66 सौ से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट साकेत कोर्ट में पेश की।
हालात, अब यह पहुचने लगे हैं कि आफताब का भरोसा टूटने लगा है। सीएफएसएल रिपोर्ट के बाद मामला रेयर ऑफ रेयरेस्ट बन जाता है। जिसकी सजा मौत है। मौत को नजदीक आता देख आफताब का कॉन्फिडेंस लेवल गिर रहा है। उसको किसी भी भरोसा नहीं है। खुद पर भरोसा नहीं। अदालत में चार्जशीट दाखिल होने के बाद उसको चार्जशीट की कापी मिल सकती थी, मगर कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से पेश होने वाले हत्याभियुक्त आफताब ने चार्जशीट लेने से ही इंकार कर दिया। उसने कोर्ट को आगाह किया कि वो उसके वकील को भी चार्जशीट की कॉपी न दें। उसे अपने मौजूदा वकीलों पर भी भरोसा नहीं है।
आफताब ने कहा कि वो नए वकील नियुक्त कर रहा है, अदालत उन्हीं को चार्जशीट मुहैया करवाए।
इसी के सात कोर्ट ने आफताब की न्यायिक हिरासत सात फरवरी तक बढ़ा दी है।
चार्जशीट दायर होने के बाद आरोपी आफताब ने मजिस्ट्रेट से पूछा की क्या उसको दायर चार्जशीट की कॉपी मिल सकती है, जिसपर मजिस्ट्रेट ने कहा कि इस पर वो 7 फरवरी को संज्ञान लेंगे।
आरोपी आफताब ने कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने अपनी बात रखते हुए कहा की वो दूसरा वकील रखना चाहता है इसलिए अभी उसका केस लड़ रहे वकील को मामले की चार्जशीट की कॉपी न दी जाए।
सूत्रों की माने तो बताया गया है की दायर चार्जशीट को 150 से ज्यादा लोगों के बयान और साथ ही इलेक्ट्रॉनिक और फोरेंसिक सबूतों को आधार पर बनाया गया है।
आरोपी अफताब पूनावाला का नार्को टेस्ट की रिपोर्ट के साथ साथ पॉलीग्राफ जांच की रिपोर्ट और छतरपुर के जंगलों से बरामद हड्डियों की डीएनए रिपोर्ट भी शामिल है।
हलाकि ये बात अलग है की कोर्ट में पॉलीग्राफ और नार्को-एनालिसिस टेस्ट रिपोर्ट सबूत के तौर पर स्वीकार्य नहीं है।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक 28 साल के आफताब ने 18 मई को 27 साल की श्रद्धा का मर्डर कर दिया था। दोनों लिव-इन में रहते थे। आफताब ने श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े किए थे। इन्हें रखने के लिए 300 लीटर का फ्रिज खरीदा था। वह 18 दिन तक रोज रात 2 बजे जंगल में शव के टुकड़े फेंकने जाता था। आफताब को 12 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। और तबसे ही वो पुलिस हिरासत में है।