उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की अधिसूचना पर 22 दिसंबर तक हाई कोर्ट ने रोक बढ़ाई। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच बुधवार को उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की अधिसूचना पर 22 दिसंबर तक रोक बढ़ा दी है।
दरसअल उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव आरक्षण के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच में चल रही सुनवाई आज भी खत्म हुई है, गुरुवार को भी इस मामले में हाईकोर्ट सुनवाई जारी रहेगी।
मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस सौरभ लवानिया की खंडपीठ
ने इसके साथ ही चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर लगी रोक भी बुधवार तक के लिए बढ़ा दी थी।
मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने इस मामले को सुनवाई के बाद जल्द निस्तारित किए जाने का आग्रह किया। कोर्ट में मामले की अंतिम सुनवाई जारी है।
हाई कोर्ट रायबरेली निवासी सामाजिक कार्यकर्ता वैभव पांडेय व अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।
राज्य सरकार ने कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव के मामले में 2017 में हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सर्वे को आरक्षण का आधार माना जाए। सरकार ने कहा है कि इसी सर्वे को ट्रिपल टेस्ट माना जाए।
वही नगर विकास विभाग के सचिव रंजन कुमार ने हलफनामे में कहा है कि ट्रांसजेंडर्स को चुनाव में आरक्षण नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने पहले स्थानीय निकाय चुनाव की अंतिम अधिसूचना जारी करने पर 20 दिसंबर तक रोक लगा दी थी और राज्य सरकार को आदेश दिया था कि 20 दिसंबर तक बीते 5 दिसंबर को जारी अनंतिम आरक्षण की अधिसूचना के तहत आदेश जारी न करे।