वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट भाषण के दौरान जेल में बंद गरीबों के लिए भी वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया है। सीतारमण ने कहा कि बहुत से ऐसे भी लोग हैं जो अपनी जमानत राशि न भर पाने या जुर्माना न दे पाने के कारण सलाखों के पीछे पड़े हुए हैं। पैसों के अभाव में उनके मानवाधिकारों का हनन हो रहा है। अब ऐसे बंदियों को सरकार आर्थिक मदद देगी ताकि वो जेल से बाहर आकर सामान्य नागरिकों की समाज की मुख्यधारा में अपना योगदान दे सकें।
वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में देश की विभिन्न जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों से संबंधित मामलों को प्राथमिकता देने और मानवीय संवेदनशीलता पर आधारित कानून के अनुसार उन्हें रिहा करने की अपील की थी।
सरकार के पास ऐसे सुझाव आए थे कि आर्थिक अभाव के कारण हजारों लोग जुर्माना न देने और जमानत राशि न दे पाने के कारण जेलों में बंद हैं। अगर सरकार उन्हें आर्थिक सहायता दे दें तो उन्हें जेल से मुक्त किया जा सकता है।
सरकार ने ऐसे सुझावों पर विचार किया और हर जिले में जिला जज और जिलाधिकारी के नेतृत्व वाली समिति को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वो बंदियों की समीक्षा करें और जो लोग जुर्माना भरने अथवा जमानत राशि दे पाने में समर्थ नहीं हैं उनको आर्थिक मदद दी जाए। इससे मानवाधिकारों की रक्षा तो होगी ही साथ जेलों का भार भी कम होगा।