महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ सीबीआई की याचीका पर 20 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। पिछले साल 28 दिसंबर को अनिल देशमुख मुंम्बई की ऑर्थर जेल से रिहा हुए थे।
इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख की जमानत को प्रभावी बनाने के लिए विस्तार की मांग वाली सीबीआई की अर्जी खारिज कर दिया था। जिसके बाद अनिल देशमुख जेल से बाहर आ पाए क्योंकि सीबीआई को सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई तारीख नही मिल सकी और उनकी जमानत पर रोक 27 दिसंबर समाप्त हो गई थी।
इससे पहले 21 दिसम्बर को बॉम्बे हाईकोर्ट से केंद्रीय जांच ब्यूरो को राहत मिल गई थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने देशमुख को ज़मानत देने, अपने आदेश के अमल पर रोक 27 दिसम्बर तक रोक बढ़ा दी थी। हालांकि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में साफ कर दिया है कि इसके बाद वो अमल की रोक की तारीख को नही बढ़ाएंगे।
हाईकोर्ट ने यह आदेश सीबीआई की याचीका पर सुनवाई करते हुए दिया है जिसमें भ्रस्टाचार के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को जमानत देने के आदेश पर रोक लगाने के लिए तीन जनवरी तक की मोहलत मांगी थी।
सीबीआई ने अपनी अर्जी में बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया है कि उन्होंने कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचीका दाखिल कर दी है लेकिन सुप्रीम कोर्ट सदियों की छुट्टी की वजह से बंद है। ऐसे में कोर्ट अपने अंतरिम आदेश को 3 जनवरी तक बढ़ा दें।
12 दिसम्बर को दिए आदेश में बॉम्बे हाईकोर्ट ने देशमुख को ज़मानत देने के बाद 10 दिनों के लिए अपने आदेश के अमल पर रोक लगा दी थी ताकि सीबीआई इस दरम्यान इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सके।
दरसअल महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को हाईकोर्ट से मिली जमानत को के खिलाफ शुक्रवार को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है
CBI ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को हाई कोर्ट से मिली जमानत को रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
इससे पहले नवंबर में मुंबई की विशेष अदालत में अनिल देशमुख की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। निचली अदालत के इस आदेश के खिलाफ अनिल देशमुख ने बॉम्बेहाई कोर्ट में ज़मानत याचिका दाखिल की थी। जहां से उन्हें जमानत मिल गई और अब सीबीआई ने उनकी जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।