गुजरात के सूरत से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। कपल के शादी को केवल एक दिन हुए था लेकिन दोनों के बीच ऐसा कुछ हुआ कि थे लड़की मायके चली गई।
उसके बाद से दोनों ने एक-दूसरे साथ न रहने पर अड़िग हो गए। इतना ही नही इस कपल को महज एक दिन की शादी को तोड़ने के लिए उन्हें एक बार पारिवारिक अदालत और दो बार गुजरात हाई कोर्ट में जाना पड़ा। हालांकि तमाम कोशिशों के बाद भी दोनों का तलाक मंजूर नहीं हुआ है। हालांकि कपल अब एक बार फिर फैमिली कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है।
इससे पहले फैमिली कोर्ट ने उनका आवेदन खारिज कर दिया था क्योंकि उनकी शादी को एक साल भी नहीं हुए थे। फैमिली कोर्ट एक इस आदेश के खिलाफ कपल ने हाई कोर्ट में याचीका दाखिल की।
न्यायमूर्ति वी डी नानावती ने अपने फैसले में पारिवारिक अदालत के आदेश को रद्द कर दिया और तलाक के मुकदमे को बहाल कर दिया। हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट को तलाक की अर्जी पर एक साल की अवधि पूरी होने के बाद फैसला करने का निर्देश दिया था।
हालांकि दंपति ने फैमिली कोर्ट से अनुरोध किया कि छह महीने की कूलिंग अवधि से छूट देकर उनकी तलाक याचिका पर विचार किया जाए। हालांकि, परिवार अदालत ने छूट पर विचार करने के लिए मामले को दो महीने के लिए स्थगित कर दिया था। जिसके बाद दंपति ने फिर हाईकोर्ट का रुख किया।
न्यायमूर्ति इलेश वोरा ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कपल के वकील को एक बार फिर परिवार अदालत का दरवाजा खटखटाने की सलाह दी, जो छह महीने की कूलिंग अवधि की छूट की अनुमति देता है।
दरअसल कपल आपसी सहमति से तलाक लेना चाहते हैं। 12 फरवरी, 2022 को सूरत में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार दोनों ने शादी की थी। दोनों एक रात साथ रहे लेकिन अलग-अलग सोए। अगले ही दिन दुल्हन अपने पति को छोड़कर अपने माता-पिता के पास लौट आई। इस जोड़े ने अलग होने का फैसला किया और हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 बी के तहत आपसी सहमति से तलाक के लिए आवेदन किया।