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श्रृंगार गौरी पूजा: 1937 में भी गवाहों ने अदालत के सामने दिए थे मंदिर के पक्ष में बयान

Shringar Gauri

इलाहाबद हाई कोर्ट में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की मांग के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद कमिटी की याचीका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट आज भी सुनवाई जारी रहेगी।

मंगलवार को हिन्दू पक्ष की तरफ से हरि शंकर जैन ने 1937 के दीन मोहम्मद केस का जिक्र करते हुए कहा की इस केस में 12 गवाहों ने हिन्दू पूजास्थलों के बारे में बयान दिया था।

दीन मोहम्मद केस केस में केवल गुम्बद में नमाज पढ़ने की वादी को नमाज़ पढ़ने की अनुमति दी गई थी।

8 दिसंबर को, काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष के वकील हरि शंकर जैन ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में विश्वेश्वर मंदिर का एक पुराना नक्शा दिखाया था। वकील हरि शंकर जैन ने इलाहाबाद कोर्ट में दावा किया कि वाराणसी में विवादित स्थल पर मंदिर के अस्तित्व को खत्म करने और वहाँ मस्जिद बनाने का ज़िक्र धार्मिक और ऐतिहासिक पुस्तकों में है।

हरि शंकर जैन ने यह भी तर्क दिया कि विश्वेश्वर मंदिर का नक्शा ब्रिटिश काल 1836 में तत्कालीन जिलाधिकारी जेम्स प्रिंसेप ने बनाया था। उन्होंने नक्शे के बारे में भी बताया। उन्होंने पुराने विश्वेश्वर मंदिर की योजना भी अदालत में प्रस्तुत की। हरि शंकर जैन ने पुराने विश्वेश्वर मंदिर के बारे में भी बताया। जहां तीन गुंबद और श्रृंगार गौरी, गणेश और दंडपाणि मंडप हैं, वहां मूर्ति की स्थापना की गई थी, जिसकी पूजा की जा रही थी। 1993 में इसे बंद कर दिया गया था, जबकि इससे पहले कि श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा चलती रहे, जैन ने अपने तर्क में मंदिर के पुराने इतिहास को दोहराया।

दरसअल वाराणसी जिला अदालत ने 12 सितंबर को ज्ञानवापी मस्जिद कमिटी की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें पांच हिंदू वादियों द्वारा दायर मुकदमे की पोषणीयता को चुनौती दी गई थी। वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद से जुड़ी कुल पांच याचिकाएं इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल हैं। पिछले साल राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने वाराणसी के जिला न्यायालय में याचिका दायर कर ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की अनुमति मांगी थी

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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