2016 में नोटबंदी को चुनौती देते हुए दाखिल की गई 58 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 2 जनवरी को अपना फैसला सुनाएगा। जस्टिस अब्दुल नजीर के नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ सुनाएगी फैसला।
सुप्रीम कोर्ट की लिस्ट के मुताबिक संविधान पीठ के पांच जजों के बीच फैसले को लेकर एकमत है।सभी जजों की तरफ से जस्टिस बी आर गवई सुनाएगें फैसला।
दरअसल जस्टिस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने इस मामले पर सुनवाई के बाद 7 दिसंबर 2022 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
6 दिसंबर को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने को केंद्र और आरबीआइ को पूछा था कि आर्थिक नीति के मामलों में न्यायिक समीक्षा के सीमित दायरे का मतलब ये नहीं है कि अदालत हाथ बांधकर चुप बैठ जाएगी। अदालत ने कहा कि सरकार किस तरह से निर्णय लेती है, उसकी कभी भी पड़ताल की जा सकती है।
मामले की सुनवाई के दौरान रिजर्व बैंक के वकील ने कहा कि अर्थव्यवस्था में फिर से मुद्रा का प्रवाह बढ़ाने के लिए विस्तृत उपाय किए गए थे। वही याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि नोटबंदी के दौरान नागरिकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था।