बिल्किस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट दोषियों की समय पूर्व रिहाई के खिलाफ सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। दरअसल साल 2002 में बिल्किस बानो के साथ गैंगरेप के मामले में सभी 11 दोषियों को समय पूर्व ही रिहा कर दिया गया था। गुजरात सरकार ने सजा माफी नीति के तहत 15 अगस्त 2022 को गुजरात की गोधरा जेल में सजा काट रहे इन कैदियों को रिहा कर दिया था। रिहा किए गए लोगों में से कुछ 15 साल तो कुछ 18 साल की जेल काट चुके हैं।
गुजरात सरकार की इस कार्यवाही के खिलाफ बिल्किस बानो ने अपनी वकील शोभा गुप्ता के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस पारदीवाला की बेंच ने आश्वासन दिया है कि नई बेंच उनकी याचिका पर सुनवाई की जाएगी।
दरअसल, 13 मई 2022 को दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को दोषियों की समय पूर्व रिहाई पर विचार करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने गुजरात सरकार को 9 जुलाई 1992 की उसकी नीति पर विचार करने को कहा था। इसके बाद ही 15 अगस्त 2022 को गुजरात सरकार ने दोषियों को समय पूर्व रिहा करने का आदेश दिया । हालांकि 13 मई 2022 के फैसले के खिलाफ बिल्किस बानो की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल दिसंबर में खारिज कर दिया था।