केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर लगे प्रतिबंध को सही ठहराया है। गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गठित एक न्यायाधिकरण के 2019 के प्रतिबंध आदेश को चुनौती देने वाले सिमी के एक पूर्व सदस्य द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा।
केंद्र ने कहा कि भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने के उद्देश्य से किसी भी संगठन को अस्तित्व में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि सिमी भारतीय राष्ट्रवाद के खिलाफ है, और इसे एक अंतरराष्ट्रीय इस्लामी व्यवस्था के साथ बदलने के लिए काम करता है। उनके घोषित उद्देश्य हमारे देश के कानूनों के विपरीत हैं, यह जोड़ा गया तीन दर्जन से अधिक अन्य फ्रंट संगठन हैं जिनके माध्यम से सिमी को जारी रखा जा रहा है। केंद्र ने कहा कि ये फ्रंट संगठन सिमी को विभिन्न गतिविधियों में मदद करते हैं, जिसमें धन संग्रह, साहित्य का प्रसार, कैडर का पुनर्गठन आदि शामिल हैं। सिमी लगातार गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त है जिससे देश की आंतरिक सुरक्षा को गंभीर खतरा है।