SC/ST ऐक्ट मामले में गिरफ्तार व्यापम घोटाले के व्हिसल ब्लोअर डॉ आनंद राय को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आनंद राय को रिहा करते हुए कहा कि निचली अदालत जमानत की शर्तों को तय करेगी।वही आनंद राय की जमानत याचिका का विरोध करते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने जमानत याचिका को खारिज करने की मांग की है। मध्यप्रदेश सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा कि अपराध की गंभीरता और बड़े पैमाने पर समाज पर इसके बड़े प्रभाव को देखते हुए जमानत नही दी जानी चाहिए। सरकार ने कहा आनंद राय का आपराधिक इतिहास रहा है, वो न्याय की प्रक्रिया से भाग सकते हैं। पिछले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया था। आनंद राय ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के आदेश को चुनोती दी है, जिसमें हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम से जुड़े एक मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया था।
याचिका के मुताबिक आनंद राय 15 नवंबर, 2022 से जेल में हैं। 12 दिसंबर, 2022 को इंदौर में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश ने जमानत से इनकार कर दिया और एससी/एसटी अधिनियम की धारा 14 (ए) (2) के तहत उनकी अपील खारिज कर दी थी। मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) 15 नवंबर, 2022 को दर्ज की गई थी, जब मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के बिलपांक के एक विकास पारगी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 294, 341, 353, 332, 146,147, 336, 506 के तहत शिकायत दर्ज कराई थी साथ ही दंड संहिता और एससी/एसटी अधिनियम की कई धाराएं उनपर लगाई गई।
प्राथमिकी के अनुसार, पारगी बड़ाछपारा में बिरसा मुंडा जयंती समारोह में शामिल होने गए थे। वह स्थानीय संसद सदस्यों, विधान सभा सदस्यों और जिला कलेक्टर के काफिले के पीछे चल रहे थे, जो बिरसा मुंडा की स्मृति में सरकार द्वारा आयोजित विभिन्न गतिविधियों में शामिल होने गए थे। प्राथमिकी के अनुसार, दोपहर 1 बजे के करीब, भाटीबड़ोदिया मार्ग पर टोला धरड़ के पास, उन्होंने जयस संगठन के काफिले को बाधित करने वाले कई कार्यकर्ताओं को नारेबाजी और पथराव करते देखा, जिससे जिला कलेक्टर के गनमैन को चोटें आईं। शिकायतकर्ता ने आनंद राय समेत 40-50 अन्य हमलावरों के नाम लिए थे।