लालढांग-चिल्लरखाल सड़क निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को उत्तराखंड सरकार को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने लालढांग-चिल्लरखाल सड़क निर्माण पर रोक रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया कि लालढांग-चिल्लरखाल क्षेत्र में सड़क का निर्माण नहीं करेगी।
दअरसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कमेटी ने रिपोर्ट में लालढांग-चिल्लरखाल सड़क के ब्लैक टॉपिंग (तारकोल बिछाने) पर आपत्ति जताई थी। सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने सुझाव दिया था कि सिगाड़ी सोत से चमारिया मोड़ तक के हिस्से में तारकोल की सड़क नहीं बनाई जाना चाहिए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि यह गलियारा राजाजी और कार्बेट टाइगर रिजर्व को जोड़ता है और इसका इस्तेमाल बाघ व हाथियों द्वारा किया जाता है। जिसके बाद कोर्ट ने सुप्रीम द्वारा नियुक्त कमेटी की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किया है।
दरसअल वकील और वन्यजीव संरक्षण कार्यकर्ता गौरव कुमार बंसल द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीईसी गठित की थी। बंसल ने इस सड़क पर ब्लैक टॉपिंग को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा था कि लालढांग-चिल्लरखाल सड़क एक वन्यजीव गलियारे के रूप में काम आती है।