कानपुर के बिकरू कांड में आरोपी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। मामले की सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने खुशी दुबे की जमानत का विरोध किया। जेल रिपोर्ट के मुताबिक इसका व्यवहार ठीक नहीं रहा है।
यूपी सरकार के वकील ने यह भी दलील दी कि खुशी दुबे को अगर जमानत दी गई तो फिर अपराधियों का गैंग फिर एक्टिव हो सकता है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की ओर से दिए गए सभी तर्कों को दरकिनार करते हुए आदेश दिया कि मामले में ट्रायल शुरू हो चुका है और उसे इस परिस्थिति में जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है। खुशी दुबे बिकरू कांड में जमानत पाने वाली पहली आरोपी हैं।
दो साल पहले हुए कानपुर के बिकरू कांड में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। मामले के मुख्य आरोपी विकास दुबे को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था।
यह मामला साल जुलाई 2020 का है। कानपुर जिले के चौबेपुर के तत्कालीन सीओ के साथ पुलिस फोर्स विकास दुबे नाम के गैंगस्टर को गिरफ्तार करने के लिए गई थी। वहां विकास दुबे के गुर्गों ने उन पर फायरिंग कर दी। इस दौरान 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। पुलिस-प्रशासन ने बाद में विकास दुबे के उस घर पर भी बुलडोजर चलवा दिया था जो अनाधिकृत तौर पर बनाया गया था। विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अमर दुबे सहित 4 अन्य आरोपी भी पुलिस ने एनकाउंटर में मारे गए थे। इस घटना के बाद पुलिस ने अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे पर हमलावरों को उकसाने के आरोप का केस दर्ज किया था। एनकाउंटर से दो दिन पहले ही अमर दुबे और खुशी की शादी हुई थी। पुलिस को संदेह था कि खुशबू अमर दुबे के गैंग को फिर से एकजुट कर सकती है। इसी संदेह के आरोप में उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।