सुप्रीम कोर्ट ने गोधरा ट्रेन अग्निकांड से निर्दोष कारसेवकों की हत्या के दोषियों की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है। गोधरा ट्रेन अग्निकांड के कुल 27 दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर नियमित जमानत की मांग की है।
याचिकाकर्ताओं के वकील का तर्क है कि उनका दोष ट्रेन पर पथराव करना है। इसी आरोप में उन्हें उम्रकैद की सजा भुगतनी पड़ रही है। हालांकि इससे पहले, गुजरात सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा गया था कि उनका दोष मात्र ट्रेन पर पथराव करना नहीं बल्कि ट्रेन की जलती हुई बोगी पर इसलिए पत्थरों की बौछार की गई ताकि निर्दोष लोग जान बचाने के लिए बोगी से कूद ही न सकें। इस पत्थरबाजी के कारण दर्जनों लोग जिंदा जलकर मारे गए। इसमें दुधमुंहे बच्चे भी शामिल थे।
हालांकि, इसी मामले में एक दोषी को जमानत दी जा चुकी है। उसी को आधार बनाकर बाकी 27 दोषियों ने जमानत की याचिका दाखिल की है। सरकारी वकील ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि पत्थरबाजों ने ही गोधरा स्टेशन पर खड़ी साबरमती एक्सप्रेस की उस बोगी को आग लगाई थी जो अयोध्या से कारसेवा करने के बाद लौट रहे थे।