प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। सोमवार को इसी मुद्दे पर दाखिल विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए हैं कि फरवरी माह के अंत तक हर बिंदु पर जवाब दाखिल किए जाएं।
याचिका पर सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकारों के वकील ने कोर्ट से कहा कि इस कानून को चुनौती नहीं दी जा सकती। मुस्लिम पक्षकारों ने दावा किया कि केंद्र द्वारा जवाब में देरी के चलते ज्ञानवापी और मथुरा में यथास्थिति से छेड़छाड़ की कोशिश हो रही है। जिस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि वो याचिका के सुनवाई योग्य होने के बाद प्रारंभिक आपत्ति पर सुनवाई के दौरान विचार करेंगे।
दरसअल, सुप्रीम कोर्ट प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। 2020 में ही अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर नोटिस होने के बावजूद केन्द्र सरकार ने अभी तक इसे लेकर अपना रुख साफ नहीं किया है। कोर्ट में दायर याचिकाओं में कहा गया है कि ये एक्ट हिंदू,सिख,जैन,बौद्ध को मानने वाले लोगों को अपने धार्मिक स्थलों पर पूजा के अधिकार का दावा करने से रोकता है।