रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक के रूप में मान्यता देने वाली याचिका सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने की प्रक्रिया अभी संस्कृति मंत्रालय में चल रही हैं। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह सरकार को ज्ञापन दे सकते हैं। अगर वह सरकार के फैसले से संतुष्ट नहीं होते तो फिर कोर्ट आ सकते है।
दरअसल, याचिकाकर्ता सु्ब्रमण्यम स्वामी ने 2020 में भी रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक के रूप में मान्यता देने की याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ‘राम सेतु’ को राष्ट्रीय विरासत स्थल घोषित करने की बीजेपी के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचीका पर सुनवाई कर रहा है। स्वामी ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की पहली सरकार की तरफ से शुरू की गई विवादित सेतुसमुद्रम शिप चैनल परियोजना के खिलाफ याचीका दाखिल की थी। अपनी जनहित याचिका में स्वामी ने राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 2007 में राम सेतु पर परियोजना के लिए काम पर रोक लगा दी थी। बाद में केंद्र सरकार ने कहा था कि उसने परियोजना के सामाजिक-आर्थिक नुकसान पर विचार किया है और राम सेतु को नुकसान पहुंचाए बिना शिपिंग चैनल परियोजना के लिए एक और मार्ग तलाश करने की कोशिश की जाएगी।