भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की सुप्रीम कोर्ट के में दायर की गई जनहित याचिका ‘जबरन धर्म परिवर्तन’ की सुनवाई अब भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ करेगी।
इस जनहित याचिका पर पहले न्यायमूर्ति एमआर शाह की अगुवाई वाली पीठ सुनवाई कर रही थी। पिछली सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति शाह की पीठ ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े के अनुरोध पर मामले का शीर्षक बदल दिया था।
ध्यान रहे, जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने इसी मामले की अगली सुनवाई फरवरी माह में निर्धारित की थी लेकिन अब यह याचिका 16 जनवरी, सोमवार को सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दी गई है।
सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ ने कुछ ही दिन पहले विभिन्न उच्च न्यायालयों के समक्ष धर्मांतरण विरोधी कानूनों के संबंध में लंबित मामलों का विवरण मांगा था ताकि ऐसे सभी मामलों को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित किया जासके।