सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के डीजी (जेल) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने यह जवाब एक याचिका पर मांगा है, जिसमें अदालती आदेश के बावजूद करीब दो दशक से जेल में बंद दो कैदियों को समय पूर्व रिहाई पर विचार नहीं करने का दावा किया गया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने मोहम्मद नुरुला और आलोक मिश्रा द्वारा दायर अवमानना याचिका पर महानिदेशक(जेल) को अपना पक्ष रखने के लिए भी कहा है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील ऋषि मल्होत्रा ने कोर्ट से कहा कि पिछले साल 14 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अथॉरिटी को तीन महीने के भीतर दोनों याचिकाकर्ताओं की समय पूर्व रिहाई पर एक अगस्त 2018 की नीति के तहत विचार करने का आदेश दिया था। मल्होत्रा ने ये भी कहा कि इतने दिनों के बाद भी उनकी समय से पहले रिहाई के आवेदनों पर विचार नहीं किया गया है।
मोहम्मद नुरुला करीब 21 सालों से वाराणसी जेल में जबकि आलोक मिश्रा करीब 22 सालों से फतेहगढ़ की जेल में बंद है।