सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों की वैधता को बरकरार रखने वाले अपने फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ का गठन किया है। मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी।
बेंच में जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना और बेला एम त्रिवेदी जज हैं। न्यायमूर्ति कौल की अगुवाई वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने बीआरएस नेता के कविता की उनके खिलाफ जारी समन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों से संबंधित दो मुद्दों पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।
मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को बरकरार रखने से संबंधित फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत खुली अदालत में सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी।
27 जुलाई, 2022 को कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम द्वारा दायर समीक्षा याचिकाओं में से एक में, सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के विभिन्न प्रावधानों की वैधता को बरकरार रखा, जो ईडी को गिरफ्तारी करने, तलाशी लेने और जब्ती करने और कार्यवाही संलग्न करने का अधिकार देता है।