समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम को राहत देने के बजाए स्वार विधानसभा सीट पर 10 मई को होने वाले मतदान को रोकने से इंकार कर दिया है। अब्दुल्लाह को एक मामले में 2 साल की सजा मिलने के बाद वह सदस्यता के अयोग्य हो गए हैं। उन्होंने अपनी अयोग्यता पर रोक की मांग की थी।
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में 15 साल पहले एक गैर कानूनी धरना-प्रदर्शन करने और मार्ग अवरुद्ध करने के आरोप में अब्दुल्ला आजम को दोषी पाया और सजा सुना दी। मुरादाबाद कोर्ट से सजा के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने अब्दुल्ला आजम की सदस्यता रद्द कर दी थी। उत्तर प्रदेश में शहरी निकाय के चुनाव हो रहे हैं इसी के साथ निर्वाचन आयोग ने अब्दुल्ला आजम की सदस्यता रद्द होने की स्थिति में स्वार में भी उप चुनाव का ऐलान कर दिया।
स्वार में विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान 10 मई को ही हो रहे हैं। अब्दुल्ला आजम चाहते थे कि सुप्रीम कोर्ट कम से कम फैसला आने तक उपचुनाव स्थगित करने के आदेश जारी कर दे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट कहा कि वो निर्वाचन प्रक्रिया पर किसी तरह की रोक लगाएंगे। सरकार को इस मामले में अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करना होगा।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को के तीन हफ्ते के लिए टाल दी। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्वार विधानसभा उपचुनाव के परिणाम उनके (सुप्रीम कोर्ट के) अंतिम आदेश पर निर्भर होगा। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से अब्दुल्ला आजम खान की याचिका पर जवाबी हलफनामा दायर करने को भी कहा।