अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने वित्त मंत्रालय से जवाब तलब कर लिया है। याचिका कर्ता विशाल तिवारी ने कोर्ट से कहा कि इस पूरे प्रकरण की जांच विशेषज्ञों की कमेटी से करवाई जानी चाहिए। इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद निवेशकों का बड़े स्तर पर नुकसान हुआ है। सेबी और सरकार के जवाब के साथ अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 13 फरवरी को करेगा।
इस पर सेबी की ओर से पेश हुए सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि निवेशकों के हित संरक्षण के लिए सेबी सतर्क है। इस पर कोर्ट ने कहा कि सवाल यह है कि इंडियन इन्वेस्टर्स की रक्षा कैसे की जाए। न्यूज पेपर्स की रिपोर्ट्स बता रही हैं कि लाखों-करोड़ का नुकसान हुआ है। हम भारतीय निवेशकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं। यहां जो हुआ वह शॉर्ट सेलिंग था। इसकी सेबी भी जांच कर रहा है?
सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सेबी के तमाम मामलों की सुनवाई का अनुभव होने से हम इन मामलों के बारे में जानते समझते हैं,सिर्फ 3 से 4 मिनट में शेयरों की कम बिक्री के कारण बाजार में शेयरों की संख्या कम हो जाती है और उसकी वजह से शेयर खरीदने वाले को नुकसान उठाना पड़ता है। स पर कुछ थॉट प्रोसेस होना चाहिए और जरूरी लगे तो कानूनी और रेगुलेटरी बदलाव होने चाहिए। ऐसा तंत्र होना चाहिए कि भविष्य में ऐसा नहीं हो।
एसजी तुषार मेहता ने कहा कि वो सेबी से निर्देश लेकर इस पर जवाब देंगे। उन्होंने कहा सेबी ने इस पर काम किया है।
कोर्ट ने कहा कि अब भारत 1990 के दौर में नहीं है। सभी लोग बड़े निवेशक नहीं हैं, छोटे भी हैं और उनका संरक्षण जरूरी है। हमारे पास वित्त मंत्रालय की ओर से भी इस पर जवाब होना चाहिए। इस दौर में यह जरूरी है कि लोगों के सेंटीमेंट का ख्याल रखा जाए।
याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने कहाकि यह बहुत गंभीर मसला है। अडानी समूह के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम हम आपकी याचिका को बड़े विस्तार से देख रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि हम आपके साथ सोमवार को मामले पर गौर करेंगे। आपके जवाब में विशेषज्ञों की राय शामिल हो और यह बताया जाए कि भारतीय निवेशकों को कैसे संरक्षित किया जाए। अब इस मामले की सुनवाई 13 फरवरी को होगी।