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भोजशाला मामले में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका, एएसआई सर्वे पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

Bhojshala

भोजशाला मामले में मुस्लिम समुदाय को फिर एक बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) सर्वेक्षण के खिलाफ उनकी याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया। मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसायटी की ओर से दायर याचिका में सर्वे से जुड़े हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी।

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के निर्देश के बाद एएसआई ने शुक्रवार को भोजशाला परिसर में सर्वेक्षण शुरू किया। मुस्लिम पक्ष की सुप्रीम कोर्ट में अपील के बावजूद अनुरोध तुरंत खारिज कर दिया गया। मामला सुनवाई के लिए निर्धारित तारीख के बिना लंबित है, जबकि एएसआई सर्वेक्षण निर्बाध रूप से जारी है।

हिंदू पक्ष की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने एएसआई सर्वे जारी रहने की पुष्टि की। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के लिए कोई विशेष तारीख निर्धारित नहीं की गई है, जो जब भी निर्धारित होगी तब देखा जाएगा। इस बीच, एएसआई टीम ने स्थानीय पुलिस और जिला अधिकारियों के साथ क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ सर्वेक्षण शुरू किया।

धार जिले में भोजशाला परिसर हिंदू और मुस्लिम दोनों के लिए महत्व रखता है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश में एएसआई को छह सप्ताह के भीतर वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया है। जहां हिंदू इस परिसर को वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानते हैं, वहीं मुस्लिम इसे कमल मौला मस्जिद के रूप में दावा करते हैं। अलग-अलग मान्यताओं के बावजूद, 2003 में जारी एएसआई के आदेशों के तहत दोनों समुदायों को ऐतिहासिक रूप से विशिष्ट दिनों पर साइट पर पूजा के लिए प्रवेश की अनुमति दी गई है।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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