सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को झारखंड कैडर की आईएएस निलंबितअधिकारी पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अभिषेक झा को कोई भी राहत देने से इंकार करने के साथ यह भी कहा कि वह अपनी अग्रिम जमानत याचिका की प्रति प्रवर्तन निदेशालय को उपलब्ध कराएं।
ईडी मनरेगा घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहा है जिसमें दंपति को आरोपी बनाया गया था।
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाशकालीन पीठ ने फिलहाल झा को कोई सुरक्षा देने से इनकार कर दिया और अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई गुरुवार के लिए टाल दी।
पीठ ने कहा कि याचिका पर नोटिस जारी करने के सवाल पर सुनवाई की अगली तारीख पर विचार किया जाएगा।
आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल पर उनके पति और अन्य लोगों के साथ 2009-2010 के दौरान खूंटी जिले में मनरेगा फंड के कथित गबन और कुछ अन्य संदिग्ध वित्तीय लेनदेन से संबंधित एक संघीय एजेंसी द्वारा दर्ज धन शोधन मामले के संबंध में आरोप लगाया गया था।
ईडी ने एक निलंबित आईएएस अधिकारी पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है और कहा है कि उसकी टीम ने दो अलग-अलग मनी लॉन्ड्रिंग जांचों के तहत कथित अवैध खनन से जुड़े 36 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की है। सिंघल के अलावा, उनके व्यवसायी पति, दंपति से जुड़े एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य पर भी ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत छापा मारा था।
झारखंड खनन सचिव का पदभार संभालने वाली सिंघल को ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया था। सिंघल और उनके पति से जुड़े चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था और उनके पास से कुल 19.76 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे।