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छावला गैंगरेप : 3 दोषियों को बरी करने के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन, SC 2 मार्च को करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट

छावला गैंगरेप-हत्या के मामले में तीन दोषियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए दाखिल की गई दिल्ली पुलिस पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 2 मार्च को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच इस मामले में दाखिल पांच पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

दरअसल 8 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट मामले में जल्द सुनवाई करने को तैयार हो गया था। सीजेआई ने दिल्ली पुलिस को भरोसा दिया था कि अपनी अगुवाई में तीन जजों की बेंच का गठन होगा साथ ही खुली अदालत में सुनवाई पर भी विचार करेंगे।

8 फरवरी को दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच से जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा था कि एक लड़की की बेरहमी से बलात्कार कर हत्या कर दी गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन आरोपियों को बरी कर दिया। जेल से छूटने के बाद एक आरोपी ने फिर हत्या कर दी।ये लोग अपराधी हैं। मामले की जल्द ही खुली अदालत में सुनवाई की जानी चाहिए इस पर सीजेआई ने कहा था कि वो खुद जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी के साथ बेंच का गठन कर विचार करेंगे साथ ही यह भी देखेंगे कि मामले की खुली अदालत में सुनवाई हो।

इस मामले में दिल्ली पुलिस सुप्रीम कोर्ट ने तीनों दोषियों को बरी करने के आदेश पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि मेडिकल सबूत आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं।अभियोजन पक्ष के पास उपलब्ध साक्ष्य और सबूत ऐसे अपराध को जघन्य अपराधों की उच्चतम श्रेणी में रखते है। सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ के सात नवंबर 2022 को दिए गए उस फैसले पर पुनर्विचार की गुहार लगाई गई है, जिसमें मेडिकल और वैज्ञानिक रिपोर्ट सही न होने को आधार बनाकर सबसे अदालत ने निचली अदालत और हाईकोर्ट के सजा ए मौत का फैसला पलटते हुए दोषियों को बरी कर दिया था।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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