अलकायदा के चार दोषी पाए गए आतंकियों को सजा का ऐलान होगा। असम में अवैध प्रवासियों पर सुनवाई होगी, गैंगस्टर अरुण गवली की याचिका पर भी होगी बहस, इन सब मुद्दों के अलावा क्या होगा, देखते हैं कोर्ट एट ए ग्लांसः-
- महाराष्ट्र राजनीतिक संकट के संबंध में प्रतिद्वंद्वी गुटों उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा दायर याचिकाओं पर संविधान पीठ 14 फरवरी को सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत पहले इस पर दलीलें सुनेगी कि मामले की सुनवाई सात न्यायाधीशों की पीठ को भेजा जाए या पांच न्यायाधीशों की पीठ को। दरअसल, 2016 में, पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने नबाम रेबिया मामले का फैसला करते हुए कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष विधायकों की अयोग्यता की याचिका पर आगे नहीं बढ़ सकते हैं, अगर स्पीकर को हटाने की पूर्व सूचना सदन में लंबित है।
- असम के अवैध प्रवासियों से संबंधित नागरिकता अधिनियम धारा 6-ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ 14 फरवरी को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट नागरिकता अधिनियम की धारा 6 ए को चुनौती देने वाले मामले की सुनवाई कर रही है, जिसे 1985 में असम समझौते को आगे बढ़ाने में एक संशोधन द्वारा जोड़ा गया था। पिछली सुनवाई मे संविधान पीठ ने असम में नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर में नामों को शामिल करने के लिए आधार वर्ष निर्धारित करने वाले एनआरसी से संबंधित सभी तर्कों को इकट्ठा करने का भी निर्देश दिया था।
- भ्रष्टाचार के एक आरोप में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 14 फरवरी को सुनवाई करेगा। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने येदियुरप्पा से अपनी याचिका में कर्नाटक सरकार को पक्षकार बनाने के लिए कहा और राज्य को नोटिस जारी किया था। कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकारी ठेका देने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में भाजपा नेता येदियुरप्पा और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ 7 सितंबर को एक निजी शिकायत बहाल कर दी थी। इससे पहले एक स्थानीय सत्र अदालत ने येदियुरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच संबंधी याचिका को इसलिए खारिज कर दिया था, क्योंकि तत्कालीन राज्यपाल ने इसे मंजूरी देने से इनकार कर दिया था।
- सुप्रीम कोर्ट नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों का पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका पर 14 फरवरी को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट में दायर इस जनहित याचिका में कहा गया है कि मौलिक अधिकारों के बारे में तो हर नागरिक बात करता है, लेकिन मौलिक कर्तव्यों के पालन पर सरकारें और नागरिक दोनों उदासीन हैं. सरकारों को इस बाबत कदम उठाते हुए नागरिकों को कर्तव्यों के प्रति संवेदनशील बनाना चाहिए. कोर्ट ने केंद्र और सभी राज्यों को नोटिस में सरकारों से जानकारी मांगी है कि उन्होंने इस बाबत अब तक क्या क्या कदम उठाए हैं।
- आम्रपाली समूह के प्रोजेक्ट्स के मामले में दायर विभिन्न याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 14 फरवरी को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट रियल एस्टेट कानून रेरा के तहत आम्रपाली समूह के पंजीकरण को रद करने का आदेश देते हुए इसे प्रमुख संपत्तियों से बाहर कर दिया था।
- गैंगस्टर से नेता बने अरुण गवली की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 14 फरवरी को सुनवाई करेगा। बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले साल मामले पर सुनवाई करते हुए अपने फैसले में ट्रायल कोर्ट द्वारा गवली को सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा था। इस फैसले के खिलाफ गवली ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 21 मई 2008 को गिरफ्तार गवली वर्तमान में महाराष्ट्र की जेल में बंद है।
- भारत-बांग्लादेश सीमा पर पशु तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार इनामुल हक की जमानत याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट 14 फरवरी को सुनवाई करेगा। इनामुल हक को पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर पशु तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
- महरौली में चल रहे बुलडोजर के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट 14 फरवरी को सुनवाई करेगा। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने महरौली की एक झुग्गी बस्ती की 400 झुग्गियों पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था।
- अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट के दोषी ठहराये गए 4 सदस्यों की सजा पर पटियाला हाउस कोर्ट में 14 फरवरी को बहस होगी। इन पर ने देश में आतंकी कृत्यों को अंजाम देने की साज़िश रचने और आतंकी समूह के लिए सदस्यों की भर्ती करने के लिए दोषी ठहराया है। अदालत ने मौलाना मोहम्मद अब्दुल रहमान कासमी, मोहम्मद आसिफ, ज़फर मसूद और अब्दुल सामी को दोषी ठहराया है।
- श्रद्धा हत्याकांड मामले में आरोपी आफताब पूनावाला की याचिका पर 14 फरवरी को साकेत कोर्ट करेगा सुनवाई… आफताब पूनावाला ने साकेत कोर्ट के सामने दो याचिकाएं लगाईं हैं…
आफताब ने आगे की पढ़ाई (उच्च शिक्षा) के लिए अपने शैक्षिक प्रमाणपत्र(education certificat) रिलीज करने की मांग की है. फिलहाल आफताब के सारे दस्तावेज दिल्ली पुलिस के पास हैं।साथ ही तिहाड़ जेल में स्टेशनरी उपलब्ध कराए जाने की भी अर्जी दी. उसने दूसरे एप्लिकेशन में अपने वकील के जरिए चार्जशीट की कॉपी और और वीडियो सबूत को व्यवस्थित ढंग से(अलग अलग फोल्डर बनाकर) उपलब्ध कराए जाने की मांग की. आफताब के वकील ने कहा है कि चार्जशीट और अन्य वीडियो फॉर्मेट एडवांस कंप्यूटर में सपोर्ट नहीं कर रहा है… अपने एप्लिकेशन में आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने जानबूझकर चार्जशीट में ऐसा फॉर्मेट दिया जिसे पढ़ा नहीं जा सकता है.