सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ एक बार फिर दिल्ली सरकार और एलजी के अधिकारों पर बहस होगी तो 9 राज्यों में अल्पसंख्यक हो चले हिंदुओं के अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। व्हाट्स एप की प्राईवेसी पॉलिसी और डेटा प्रोटेक्शन बिल पर चर्चा के अलावा क्या-क्या होगा देखते हैं कोर्ट एट ग्लांस में-
- हर राज्य में आबादी के हिसाब से अल्पसंख्यकों के निर्धारण की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि अभी तक उसे इस मसले पर 24 राज्य और 6 केंद्रशासित प्रदेशों का जवाब मिला है। 6 राज्य-केंद्रशासित प्रदेशों की इस मसले पर राय मिलनी बाकी है। इनमे अरुणाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, झारखंड, लक्षद्वीप, राजस्थान ,तेलंगाना शामिल है।
अश्विनी उपाध्याय की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि 9 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हो चले है, इसके बावजूद वो सरकारी योजनाओं में अल्पसख्यकों के लिए तय लाभ का फायदा नहीं उठा पाते।
- प्रशासनिक अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार मांग रही दिल्ली सरकार की याचिका पर संविधान पीठ सुनवाई करेगी। पिछली सुनवाई में केंद्र की ओर से सोलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि 2017 के बाद से दिल्ली सरकार से उपराज्यपाल को भेजी गई सभी 18 हज़ार फाइलों को एलजी ने मंज़ूरी दी है। 1992 से लेकर अब तक महज 7 मामलों को ही LG ने दिल्ली सरकार से मतभेद होने के चलते राष्ट्रपति के पास भेजा।
- व्हाट्सएप्प की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर दायर याचिकाओं पर संविधान पीठ सुनवाई करेगी। पिछली सुनवाई में केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि सरकार लोगों के हितों की रक्षा के लिए नया डेटा प्रोटेक्शन बिल लाने की तैयारी में है। इस पॉलिसी के तहत व्हाट्सएप्प यूजर्स के डेटा मेटा के साथ शेयर कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी गई है।
- इच्छा मृत्यु से जुड़े क़ानूनी पहलुओं पर संविधान पीठ सुनवाई करेगी। हालाकि 2018 में संविधान पीठ ने पैसिव यूथेनेशिया और लिविंग विल लिविंग की इजाज़त दे दी थी लेकिन कुछ पहलुओं पर स्पष्ठता के लिए ये मामला एक बार संविधान पीठ के सामने लगा है।
- आपराधिक मामले में सजायाफ्ता लोगों के राजनीतिक पार्टी बनाने और पार्टी पदाधिकारी बनने प प्रतिबंध की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।
- मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए 2018 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को राज्य सरकारों द्वारा लागूना करने के आरोप मे दाखिल अवमानना याचिकाओ पर सुप्रीम कोर्ट कल करेगा सुनवाई…
2018 में सुप्रीम कोर्ट ने तहसीन पूनावाला मामले में राज्यों को मॉब लिंचिंग केसों में निवारक, दंडात्मक और उपचारात्मक क़दम उठाने के निर्देश जारी किए थे. कोर्ट ने ये भी कहा था कि संसद लिंचिंग के ख़िलाफ़ क़ानून बनाए।
- दिल्ली दंगा मामले में यूएपीए के तहत गिरफ्तार देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और इकबाल तन्हा को मिली जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। दिल्ली पुलिस ने तीनों छात्रों की जमानत का विरोध करते हुए याचिका दायर की है।
- स्थानीय निकाय चुनावों में मराठा आरक्षण दिए जाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने 17 दिसंबर के आदेश में संविधान पीठ के 2010 के फैसले का उल्लेख किया जिसमें राज्य के भीतर स्थानीय निकायों के लिए आवश्यक पिछड़ेपन की प्रकृति और निहितार्थ पर सख्ती से मौजूदा विचार करने के लिए एक विशेष आयोग की स्थापना सहित तीन स्थिति का उल्लेख किया गया था।
- दिल्ली हाईकोर्ट 2020 के दिल्ली दंगों के मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका सुनवाई करेगा। पिछली सुनवाई में ताहिर के वकील सलमान खुर्शीद ने तर्क दिया था कि जिस व्यक्ति पर गोली चलाने का आरोप लगाया गया था, उसके सहित अन्य सभी सह-आरोपी उसी मामले में जमानत पर हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह तर्क भी दिया था कि हुसैन को किसी भी हथियार का उपयोग करते हुए किसी ने नहीं देखा।
- मनी लांड्रिंग के मामले में गिरफ्तार दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की ओर से दायर जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकार्ट 17 जनवरी को सुनवाई करेगा। जैन ने जमानत याचिका को खारिज करने के 17 नवंबर के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है।
- सुकेश चंद्रशेखर से 200 करोड़ रुपये के मामले में दिल्ली पुलिस के EOW शाखा द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लेने को लेकर पटियाला हाउस कोर्ट सुनवाई करेगा। EOW ने पिंकी ईरानी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।