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EC ने वेबसाइट पर शेयर किया इलेक्टोरल बाँड का डेटा, लाभार्थियों में BJP, कांग्रेस, SP और आम आदमी पार्टी भी

Electoral Bonds

चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर शेयर किया एसबीआई से मिला इलेक्टोरल बाँड का डाटा, लक्ष्मी मित्तल से लेकर फ्यूचर ग्रुप ने खरीदे बाँड, बीजेपी, कांग्रेस सपा, आम आदमी पार्टी सहित दूसरे पार्टियों को भी मिला चंदा

स्टेट बैंक इंडिया से इलेक्टोरल बाँड के डेटा को इलेक्शन कमीशन ने अपनी वेबसाइट पर अप लोड कर दिया है। इलेक्टोरल बाँड खरीदने वालों में कुछ अरब पति घराने हैं तो कुछ ऐसे भी हैं जो नामचीन नहीं हैं। इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट के डेटा के मुताबिक स्टील की दुनिया के बेताज बादशाह लक्ष्मी मित्तल, सुनील भारती मित्तल की एयरटेल, अनिल अग्रवाल की वेदांता, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और फ्यूचर गेमिंग के अलावा और होटल सर्विसेज के लोग और संस्थाएं चुनावी बांड के प्रमुख खरीदारों में से थे।
फ्यूचर गेमिंग ने दो अलग-अलग कंपनियों के नाम से 1350 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बॉंड खरीदे थे।
वेदांता लिमिटेड ने 398 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे, जबकि सुनील मित्तल की तीन कंपनियों ने मिलकर कुल 246 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे।
स्टील जाइंट लक्ष्मी निवास मित्तल ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में 35 करोड़ रुपये के बांड खरीदे।इन्फ्रा स्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम करने वाली हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग 966 करोड़ रुपये के बांड खरीदे हैं।
इसके अलावा अधिकांश बांड राजनीतिक दलों के नाम पर जारी किए गए हैं, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को दिया गया चंदा ‘अध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी’ और ‘अध्यक्ष समाजवादी पार्टी’ के नाम पर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद, चुनावी बाँड के अधिकृत विक्रेता एसबीआई ने 12 मार्च को निर्वाचन आयोग के साथ डेटा साझा किया था।
शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को अपनी वेबसाइट पर डेटा अपलोड करने के लिए 15 मार्च शाम 5 बजे तक का समय दिया था, लेकिन निर्वाचन आयोग ने यह डेटा समय सीमा पूरी होने से पहले ही अपलोड कर दिया।

चुनाव आयोग ने ‘एसबीआई द्वारा साझा किए गए चुनावी बांड का विवरण दो भागों में रखा है एक भाग में खरीदारों की सूची और दूसरे भाग में लाभार्थी पार्टियों की सूची है।
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर एक हलफनामे में, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा कि 1 अप्रैल, 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच दानदाताओं ने विभिन्न मूल्यवर्ग के कुल 22,217 चुनावी बांड खरीदे गए, जिनमें से 22,030 को राजनीतिक दलों ने भुगतान हासिल कर लिया था।
इलेक्शन कमीशन द्वारा अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार, चुनावी बांड के खरीदारों में स्पाइसजेट, इंडिगो, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, पीरामल ग्रुप भी शामिल हैं।
टोरेंट पावर, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, अपोलो टायर्स, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा, वर्धमान टेक्सटाइल्स, जिंदल ग्रुप, फिलिप्स कार्बन ब्लैक लिमिटेड, सीएट टायर्स, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज , आईटीसी, केपी एंटरप्राइजेज, सिप्ला, और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसे भी बाँड खरीदने वालों में शामिल हैं।
चुनावी बांड भुनाने वाली पार्टियों में बीजेपी, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, जेडी-एस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू, राजद, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस शामिल हैं। इसके अलावा बीजेडी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जेएमएम, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट और जन सेना पार्टी ने इलेक्टोरल बॉंड का भुगतान हासिल किया है।

15 फरवरी को दिए गए एक फैसले में, पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने केंद्र की चुनावी बांड योजना को रद्द कर दिया था। इस योजना में राजनीतिक चंदा देने वालों के नाम गोपनीय रखे जाते थे। सुप्रीम कोर्ट ने इसे “असंवैधानिक” बता कर रद्द कर दिया था और चुनाव आयोग को दानदाताओं द्वारा दान की गई राशि और बाँड्स को भुनाने वाली पार्टियों के नाम का खुलासा करने का आदेश दिया था।

चुनावी बांड के माध्यम से दान देने वाले व्यक्तियों में किरण मजूमदार शॉ, वरुण गुप्ता, बी के गोयनका, जैनेंद्र शाह और मोनिका जैसे एक व्यक्ति शामिल थे। गाजियाबाद स्थित यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ने 162 बांड खरीदे, जिनमें से ज्यादातर 1 करोड़ रुपये के थे।

बजाज ऑटो ने 18 करोड़ रुपये, बजाज फाइनेंस ने 20 करोड़ रुपये, इंडिगो की तीन कंपनियों ने 36 करोड़ रुपये, स्पाइसजेट ने 65 लाख रुपये और इंडिगो के राहुल भाटिया ने 20 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे।

मुंबई स्थित क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड ने 410 करोड़ रुपये और हल्दिया एनर्जी ने 377 करोड़ रुपये के बांड खरीदे।

 

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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