आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने चारा घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर सीबीआई की याचिका विरोध किया हैं। लालू यादव ने कहा कि “सजा निलंबित करने के हाईकोर्ट के आदेश को केवल इस आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती कि सीबीआई इस फैसले से असंतुष्ट है।
हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि हाईकोर्ट का फैसला सामान्य सिद्धांतों और समान नियमों पर आधारित है।उन्होंने या भी कहा कि हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि हाईकोर्ट का फैसला सामान्य सिद्धांतों और समान नियमों पर आधारित है।
हलफनामे में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने खराब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के कारण बताते हुए कहा है कि उन्हें हिरासत में रखने से सीबीआई का कोई मकसद पूरा नहीं होगा।
दरअसल लालू प्रसाद यादव की ज़मानत को रद्द करने की सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है।
जिसपर सुप्रीम कोर्ट 5 अगस्त को सुनवाई करेगा। सीबीआई ने दुमका, डोरंडा और चाईबासा और देवघर मामलों में जमानत को चुनौती दी है।
चारा घोटाले के तहत डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये से अधिक के गबन मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद यादव को दोषी करार देते हुए पिछले साल 21 फरवरी को पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी और 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। उच्च न्यायालय ने 22 अप्रैल, 2022 को डोरंडा कोषागार गबन मामले में उन्हें जमानत दे दी थी।