चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं। लालू प्रसाद यादव की ज़मानत को रद्द करने की याचिका पर 25 अगस्त को सुनवाई होगी। सीबीआई ने लालू यादव की ज़मानत को रद्द करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी और कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया है। अब इस मामले में 25 अगस्त को सुनवाई की जाएगी। सीबाआई ने दुमका, डोरंडा, चाईबासा और देवघर मामलों में लालू यादव को दी जमानत को चुनौती दी है।
गत 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की एक और याचिका पर लालू प्रसाद यादव को नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की याचिका को मूल याचिकाओं के साथ जोड़ दिया था। सीबीआई ने डोरंडा कोषागार मामले में भी लालू यादव को मिली जमानत रद्द करने की मांग की है। लालू को झारखंड के डोरंडा कोषागार मामले में जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। लालू प्रसाद यादव को डोरंडा कोषागार से जुड़े चारा घोटाले में पांच साल की सजा सुनाई थी, 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। चारा घोटाले में लालू यादव को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है। अब सभी मामलों की सुनवाई एक-साथ एक ही पीठ के समक्ष होगी।
सीबीआई ने चार अप्रैल 2022 को लालू यादव को दो मामलों में मिली जमानत के खिलाफ याचिका डाली थी जिस सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया था। सीबीआई ने झारखंड हाईकोर्ट के जमानत देने वाले के आदेशों को चुनौती दी है – सीबीआई ने कहा है कि जमानत आदेश का आधार गलत है। लालू यादव ने अपेक्षित समय जेल में नहीं बिताया है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि जमानत की अर्जी मंजूर करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने कहा था कि लालू यादव पहले ही सजा का आधा हिस्सा काट चुके हैं।
सीबीआई ने लालू यादव को लेकर दिए गए झारखंड हाईकोर्ट के दो फैसलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। दरअसल झारखंड हाईकोर्ट ने देवघर कोषागार मामले में सजा की आधी अवधि गुजर जाने को आधार पर जमानत दे दी थी और सजा को निलंबित कर दिया था। सीबीआई ने हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। झारखंड हाईकोर्ट ने 17 अप्रैल, 2021 को चारा घोटाले से जुड़े दुमका कोषागार मामले में प्रसाद को सजा की आधी अवधि पूरी होने पर जमानत दे दी थी।
इससे जेल से उनकी रिहाई का मार्ग प्रशस्त हुआ था। शीर्ष अदालत ने 9 अक्टूबर, 2020 को चारा घोटाला मामले में चाईबासा कोषागार से धन की अवैध निकासी से जुड़े एक मामले में भी प्रसाद को जमानत दे दी थी। दुमका मामले में 24 मार्च, 2018 को प्रसाद को 14 साल की जेल की सजा सुनाते हुए रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत क्रमश: 60 लाख रुपये व 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
यह मामला 1990 के दशक की शुरुआत में दुमका कोषागार से धोखाधड़ी से 3.13 करोड़ रुपये निकालने से जुड़ा है। झारखंड हाईकोर्ट ने 17 अप्रैल 2021 और 9 अक्टूबर 2020 को लालू यादव को अलग-अलग मामले में जमानत दी थी। चार अप्रैल 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई का फैसला किया था और लालू यादव को नोटिस जारी किया था।