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दिल्ली में बाइक टैक्सी को लेकर दिए HC के फैसले के खिलाफ AAP सरकार की याचिका पर सुनवाई टली

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राइड-शेयरिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से बाइक टैक्सी सेवाओं को रोकने के लिए दिल्ली परिवहन विभाग की अधिसूचना पर रोक लगाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अब इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।

दरसअल दिल्ली सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 26 मई के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) में वाणिज्यिक संचालन जारी रखने और शहर में चलने वाले गैर-परिवहन दोपहिया वाहनों के एग्रीगेटर के रूप में कार्य करने की लाइसेंस देने की अनुमति दी गई है।

दिल्ली सरकार ने यह कहा कि उच्च न्यायालय के विवादित अंतरिम आदेश के मद्देनजर उबर और रैपिडो एकत्रीकरण और राइड पूलिंग के उद्देश्य से दोपहिया सहित गैर-परिवहन वाहनों का उपयोग जारी रखे हुए हैं जो कि नियम के तहत अस्वीकार्य है।

सरकार ने कहा है कि दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर योजना, 2023 याचिकाकर्ता राज्य द्वारा पहले ही तैयार की जा चुकी है और अब यह सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के लिए लंबित है। राज्य सरकार ने कहा, “प्रतिवादियों को खुद को पंजीकृत कराने और इसकी अधिसूचना में निर्धारित शर्तों का पालन करने के बाद परमिट के लिए आवेदन करने की आवश्यकता है और उसके बाद ही, उत्तरदाताओं को कानून के अनुसार अपने व्यवसाय संचालन को जारी रखने की अनुमति दी जा सकती है।”

राज्य सरकार ने कहा कि बाइक टैक्सी चलाने की अनुमति, अन्य कारणों के अलावा, सड़क सुरक्षा और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस सत्यापन, जीपीएस डिवाइस, पैनिक बटन आदि लगाने की बाध्यताओं जैसी शर्तों के अनुपालन के बिना अनुमति नहीं दी जा सकती है।

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About the Author: Meera Verma

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