समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि भदौरिया की याचिका पर शीतकालीन अवकाश के बाद सुनवाई की जा सकेगी। इन हालातों में सपा प्रवक्ता अनुराग यादव की मुश्किलें आने वाले समय में बढ़ सकती हैं। एक तरफ जहा अनुराग पर गिरफ़्तारी की तलवार लटकी हुई है वही सोमवार को देश की सबसे बड़ी अदालत से उन्हें राहत नहीं मिली, दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया द्वारा दायर याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया।
अनुराग भदौरिया के वकील ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उनकी याचिका को जल्द सूचीबद्ध करने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया और कहा, “हम सर्दियों की छुट्टियों के बाद उनके मामले को सूचीबद्ध करेंगे”।
दरअसल एक टीवी डिवेट के दौरान सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसी मामले में हीरो बाजपेयी ने अनुराग भदौरिया के खिलाफ हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया था। ।
पुलिस के सामने पेश न होने पर भदौरिया के खिलाफ कार्रवाई की गई। लखनऊ पुलिस ने भदौरिया के आवास के साथ-साथ लखनऊ के चिनहट इलाके में उनके फार्महाउस पर भी संपत्ति कुर्की के लिए नोटिस चिपकाया । बाजपेयी ने अपनी शिकायत में कहा था कि इस तरह की टिप्पणी हिंदुओं और गोरखनाथ मठ में विश्वास रखने वालों की भावनाओं को आहत करती है । जिसके बाद लखनऊ पुलिस ने ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा , “यह मामला थाना हजरतगंज में IPC की धारा 153A , 295A , 298 ,504 , 505(2) भारतीय दण्ड विधान के तहत जारी आदेश के अनुसार नामित आरोपी अनुराग सिंह भदौरिया के खिलाफ कार्रवाई की गई थी” ।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लखनऊ ने भी हजरतगंज पुलिस को आदेश जारी किया था कि भदौरिया के पुलिस के सामने पेश न होने के बाद कुर्की का नोटिस भेजा जाए, अगर वह जल्द ही पेश नहीं हुआ, तो “उसकी संपत्ति कुर्क कर दी जाएगी” ।
वहीं दूसरी ओर सपा नेता की सास और पूर्व सांसद सुशीला सरोज ने घर पर कुर्की नोटिस चिपकाए जाने के कारण पुलिस कार्रवाई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की और बयान में कहा कि पुलिस ने इंदिरा नगर में उनके घर और एक फार्महाउस पर संपत्ति कुर्की नोटिस को गलत तरीके से चिपकाया क्योंकि ये संपत्तियां अनुराग भदौरिया के स्वामित्व में नहीं थीं। उन्होंने बताया कि ये प्रॉपर्टी 2006 में अनुराग से बेटी की शादी से काफी पहले खरीदी गई थी । अनुराग एक दामाद के रूप में घर जाता है लेकिन परिवार की संपत्ति से उसका कोई लेना-देना नहीं है ।
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