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मणिपुर हिंसा: राज्य में इंटरनेट सेवा पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका, 6 जून को हो सकती है सुनवाई

Manipur, Supreme Court

मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद राज्य में इंटरनेट सेवा पर लगी रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिक की गई है। व्यवसायी मायेंगबम जेम्स ने अपनी याचीका में कहा है कि राज्य में स्थिति बेहतर हो रही है लेकिन उसके बावजूद मणिपुर सरकार इंटरनेट बंद करने के आदेशों को बार-बार जारी कर रही है। याचीका में दावा किया कि “न केवल उन्होंने बल्कि राज्य के निवासियों ने इंटरनेट शटडाउन के परिणामस्वरूप भय, चिंता, लाचारी और हताशा की भावनाओं का अनुभव किया है। इतना ही नही वे अपने प्रियजनों और कार्यालय के सहयोगियों के साथ संवाद करने में भी असमर्थ रहे हैं।

याचिका में यह भी कहा गया है कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजने, उनके बैंक में पैसे डालने, आवश्यक आपूर्ति और दवाएं प्राप्त करने, और बहुत कुछ करने में असमर्थ रहे हैं, जिससे उनका जीवन और आजीविका ठप हो गई है।

दरसअल मार्च 2023 में, मणिपुर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एमवी मुरलीधरन ने मणिपुर सरकार को निर्देश दिया था कि आदेश की तारीख से चार सप्ताह के भीतर, अनुसूचित जनजाति सूची में मीतेई/मीतेई समुदाय को शामिल करने पर तुरंत विचार किया जाए। नतीजतन, आदिवासी और गैर-आदिवासी समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिससे जानमाल का नुकसान हुआ। उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने न्यायमूर्ति मुरलीधरन के आदेश के खिलाफ एक याचीका पर नोटिस जारी किया था और इस पर सुनवाई 6 जून को होनी है। इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने का सबसे हालिया आदेश राज्य सरकार द्वारा 31 मई, 2023 को जारी किया गया था। याचिका के अनुसार, ब्लॉकिंग आदेश सार्वजनिक आदेश के बजाय कानून और व्यवस्था की चिंताओं और असामाजिक तत्वों का संदर्भ देते हैं

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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