दिल्ली आबकारी नीति घोटाला: आप नेता मनीष सिसौदिया ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की पुर्नविचार याचिका
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुर्नविचार याचिका दाखिल की है।
सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर को उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था, यह कहते हुए कि उनके खिलाफ थोक शराब डीलरों को 338 करोड़ रुपये के “अप्रत्याशित लाभ” की सुविधा देने का आरोप सबूतों द्वारा “अस्थायी रूप से समर्थित” था।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा सिसोदिया के खिलाफ लगाए गए कई आरोपों को बहस योग्य बताते हुए कहा था, “हालांकि, पीएमएल अधिनियम के तहत दायर शिकायत में एक स्पष्ट आधार या आरोप है, जो प्रत्यक्ष कानूनी चुनौती से मुक्त है और कथित तथ्य सामग्री और साक्ष्य द्वारा अस्थायी रूप से समर्थित हैं।”
पीठ ने कहा कि ईडी की शिकायत के अनुसार, 338 करोड़ रुपये की राशि अपराध की आय है।
सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी को “घोटाले” में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था। तब से आप नेता हिरासत में हैं।
ईडी ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद 9 मार्च को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। उत्पाद शुल्क विभाग संभालने वाले सिसौदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।