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NEET-PG के मानदण्डों में हस्तक्षेप से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, बिहार IMA की याचिका खारिज

IMA Bihar, Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने एनईईटी और पीजी एडमिशन के लिए न्यूनतम प्रतिशत मानदंड को चुनौती देने वाली इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार को याचिका खारिज कर दिया है।

याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें स्नातकोत्तर में एडमिशन के लिए राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (NEET) में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक अनिवार्य करने के नियम को बरकरार रखा गया था।
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत विशेष अनुमति याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं है।

उच्च न्यायालय के समक्ष मेडिकल छात्रों द्वारा दायर एक जनहित याचिका थी, जिसमें कहा गया था कि स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा (संशोधन) विनियम, 2018 के विनियम 9(3) के तहत निर्धारित सिस्टम एक दोषपूर्ण प्रणाली है, क्योंकि इस प्रणाली के कारण, एक कुशल और इच्छुक उम्मीदवार उपलब्ध होने के बावजूद कई सीटें खाली पड़ रह जाती हैं।

इससे पहले मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि डॉक्टरों या विशेषज्ञों की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसमें मानव जीवन के लिए जोखिम शामिल है।

अदालत ने कहा था ‘ये कोर्ट इस बात पर जोर देता है कि चिकित्सा शिक्षा के मानकों को कम करने से बड़े पैमाने पर समाज पर असर पड़ सकता है, जो कि चिकित्सा पद्धति के जोखिम के कारण होता है। इसमें जीवन और मृत्यु का मामला शामिल है, इसलिए कोर्ट का हस्तक्षेप करना ठीक नहीं होगा।’

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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