कॉलेजियम सिस्टम यानी जजों की नियुक्ति के मामले में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। सूत्रों के मुताबिक हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल करने का सुझाव दिया गया है। पत्र में जजों की नियुक्ति की संवैधानिक प्रक्रिया में सरकार के प्रतिनिधि शामिल करने का सुझाव दिया गया है। सरकार ने पत्र में कहा है कि ये “पारदर्शिता और सार्वजनिक जवाबदेही के संचार के लिए” जरूरी है।
अब इस पत्र के बाद जजों की नियुक्ति के मामले में सरकार और न्यायपालिका में एक बार फिर टकराव बढ़ सकता है।
पिछले महीने ही एल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) एक्ट को रद्द कर दिया। इसे लेकर संसद में कोई चर्चा नहीं हुई। यह बहुत गंभीर और चौंकाने वाला मामला था।उन्होंने कहा कि न्यायपालिका कभी भी विधायिका या कार्यपालिका नहीं बन सकती है क्योंकि शासन के एक अंग की दूसरे अंग के काम करने के क्षेत्र में किसी भी तरह की घुसपैठ शासन की व्यवस्था को भंग कर सकती है। इस प्रोग्राम में भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ भी मौजूद थे।