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विहिप-बजरंग दल की रैली पर रोक नहीं, SC का पुलिस को निर्देश हिंसा या नफरत भरे भाषण पर रोक लगे

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राष्ट्रव्यापी वीएचपी और बजरंगदल की रैलियों पर प्रतिबंध लगाने से इंकार कर दिए है। हालांकि अदालत ने पुलिस अधिकारियों को एक निर्देश जारी किया, जिसमें उनसे दिल्ली और एनसीआर के विभिन्न हिस्सों में वीएचपी और बजरंग दल द्वारा आयोजित विरोध मार्च के दौरान किसी भी हिंसा या नफरत भरे भाषण को रोकने का आदेश दिया है। यह मार्च हरियाणा के नूंह और गुरुग्राम में सांप्रदायिक हिंसा के जवाब में आयोजित किया गया था।

दिल्ली-एनसीआर में वीएचपी-बजरंग दल की रैलियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवी भट्टी की खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया साथ ही दिल्ली सरकार और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। अदालत ने कहा रैलियाँ शांतिपूर्ण रहें और कोई अप्रिय घटना न घटे, इस बात का प्रशासन ध्यान रखे। न्यायालय ने संभावित साक्ष्यों को संरक्षित करने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में रैलियों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी अनिवार्य कर दी।

पीठ ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने पहले अक्टूबर 2022 और अप्रैल 2023 में आदेश जारी किए थे, जिसमें पुलिस को नफरत भरे भाषण अपराधों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर शुरू करने का निर्देश दिया गया था। उन्होंने इन आदेशों का पालन करने और उनका कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया।

याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करते हुए, वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर सिंह ने कहा किया कि वीएचपी-बजरंग दल ने नूंह में हुई घटनाओं के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में तेईस मार्च की घोषणा की थी। जब पीठ ने पूछा कि क्या कोई घृणास्पद भाषण हुआ था, तो सिंह ने पुष्टि की कि वास्तव में दिन में आयोजित रैलियों के दौरान घृणास्पद भाषण दिए गए थे और संवेदनशील क्षेत्रों के लिए और अधिक रैलियों की योजना बनाई गई थी।

न्यायमूर्ति खन्ना ने भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू को संबोधित करते हुए उनसे हिंसा और नफरत भरे भाषण को रोकने के लिए अधिकारियों के साथ तुरंत संवाद करने का आग्रह किया। उन्होंने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल, सीसीटीवी और वीडियो रिकॉर्डिंग की आवश्यकता पर जोर दिया। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेगा।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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